Sunday, June 1, 2025

"जूनागढ़ – इतिहास, पर्यटन और प्राकृतिक सौंदर्य का अनोखा संगम"

"जूनागढ़ का उपरकोट किला और गिर का जंगल – पर्यटन का संगम"

 गुजरात का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक शहर – जूनागढ़ – न केवल अपने गौरवशाली अतीत के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां की प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व भी इसे एक विशेष पर्यटन स्थल बनाते हैं। समुद्रतटीय शहर नहीं होने के बावजूद, जूनागढ़ पर्यटकों को इतिहास, जंगल सफारी और अध्यात्म का अनोखा मेल प्रदान करता है।


🏰 उपरकोट किला (Uparkot Fort):

जूनागढ़ का सबसे प्रमुख स्थल उपरकोट किला है, जिसकी नींव लगभग 2300 साल पहले रखी गई थी। यह किला कई राजवंशों का गवाह रहा है – मौर्य, गुप्त, सोलंकी और नवाबों के समय में भी इसका महत्व बना रहा। किले के अंदर बौद्ध गुफाएं, नीलम और मैनबत्ती कुंए, और दीवारों पर की गई कलाकृतियां इसकी भव्यता को दर्शाती हैं।


🐅 गिर नेशनल पार्क (Gir National Park):

जूनागढ़ की शान है गिर का जंगल, जो एशियाई शेरों का एकमात्र प्राकृतिक आवास है। जंगल सफारी के लिए दुनिया भर से पर्यटक यहाँ आते हैं। गिर में शेरों के अलावा तेंदुए, चिंकारा, मगरमच्छ, और कई पक्षी प्रजातियां भी पाई जाती हैं।

  • 🦁 शेर सफारी टाइमिंग: सुबह 6:00 – 9:00 और शाम 4:00 – 6:30

  • 🎟️ ऑनलाइन बुकिंग: girlion.in


🛕 महाबत मकबरा (Mahabat Maqbara):

इस अद्वितीय मकबरे की वास्तुकला आपको यूरोपीय चर्चों की याद दिला सकती है। इसे नवाब बहादुर खान ने बनवाया था। इसकी मिनारें, गुंबद और सीढ़ियों की डिजाइन इसे भारत के सबसे सुंदर मकबरों में से एक बनाती हैं।


🛕 गिरनार पर्वत (Girnar Hills):

गिरनार पर्वत, जूनागढ़ शहर के पूर्व में स्थित, धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां:

  • जैन तीर्थ: 900+ सीढ़ियों के बाद भगवान नेमिनाथ का मंदिर

  • हिंदू मंदिर: अंबाजी, दत्तात्रेय और भवानी मंदिर

गिरनार यात्रा एक तरह की मानसिक और शारीरिक साधना भी है। यहां हर साल 'गिरनार यात्रा' नामक मेला भी लगता है।


🌄 दामोदर कुंड और रेवतगिरी:

  • दामोदर कुंड एक पवित्र तालाब है जहाँ लोग अपने पूर्वजों की शांति के लिए पूजा करते हैं।

  • रेवतगिरी, गिरनार के पास ही स्थित एक धार्मिक स्थल है, जो शिव भक्तों के लिए प्रमुख है।


🏨 कहां ठहरें (Hotels in Junagadh):

जूनागढ़ में आपको हर बजट के होटल और लॉज मिल जाएंगे:

  • 3-Star: Hotel Indralok, Bellevue Sarovar Portico

  • Budget: Leo Resort, Hotel Sapphire

  • Luxury: The Fern Leo Resort & Spa


🍲 स्थानीय भोजन:

यहां का गुजराती खाना जैसे ढोकला, खांडवी, थेपला, खिचड़ी-कढ़ी आपको घर की याद दिलाएगा। स्ट्रीट फूड के लिए “मजीवाड़ी रोड” पर ज़रूर जाएं।


📌 जूनागढ़ कैसे पहुँचें?

  • ✈️ निकटतम हवाई अड्डा: राजकोट (लगभग 100 किमी)

  • 🚂 रेल मार्ग: जूनागढ़ जंक्शन भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है

  • 🚗 सड़क मार्ग: अहमदाबाद से लगभग 330 किमी, राजकोट से 100 किमी


🗓️ घूमने का सर्वोत्तम समय:

नवंबर से मार्च के बीच का मौसम जूनागढ़ घूमने के लिए सबसे उपयुक्त होता है। उस समय न ही ज्यादा गर्मी होती है और न ही बारिश।


📷 Instagrammable Spots:

  • गिरनार सीढ़ियों से दृश्य

  • गिर के जंगल में जंगल सफारी

  • महाबत मकबरा की अनोखी वास्तुकला

  • उपरकोट किले के प्राचीन द्वार


📞 बुकिंग और सहायता:

यदि आप जूनागढ़ यात्रा की योजना बना रहे हैं और विश्वसनीय टैक्सी, होटल या टूर गाइड की तलाश में हैं, तो Dwarka Tour & Travels से संपर्क करें:

📱 WhatsApp/Call: 8830930081
📧 Email: dwarkashreejitour@gmail.com
🌐 Website: www.dwarkatour.com


🔚 निष्कर्ष:

जूनागढ़ न केवल इतिहास और अध्यात्म से भरपूर है, बल्कि यह प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीव प्रेमियों के लिए भी एक आदर्श स्थान है। एक बार यहां घूमने के बाद यह शहर आपकी यादों में बस जाएगा।


अगर आपको यह ब्लॉग पसंद आया हो तो शेयर करें और कमेंट में बताएं कि आप जूनागढ़ में सबसे पहले कहां जाना चाहेंगे।

"Sasan Gir National Park – Nature, Wildlife & Adventure"

सासन गिर नेशनल पार्क में एशियाई शेर का जंगल में भ्रमण

 Sasan Gir National Park – Nature, Wildlife & Adventure

भारत में यदि कहीं एशियाई शेरों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने का मौका है, तो वह स्थान है – सासन गिर नेशनल पार्क, गुजरात। यह सिर्फ एक जंगल नहीं, बल्कि एक जीवंत अनुभव है जहां प्रकृति, रोमांच और वन्यजीवन एक साथ मिलते हैं।

एशियाई शेरों का आखिरी घर

Sasan Gir या Gir National Park की पहचान है इसके Asiatic Lions। दुनिया भर में ये शेर अब सिर्फ यहीं पाए जाते हैं। यह पार्क 1965 में स्थापित किया गया और तब से यह भारत की वन्यजीव संरक्षण की सबसे बड़ी सफलताओं में एक रहा है।

आज गिर में लगभग 600 से अधिक एशियाई शेर सुरक्षित रूप से रह रहे हैं।


कहां स्थित है सासन गिर?

सासन गिर गुजरात राज्य के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में स्थित है, जूनागढ़, सोमनाथ और दीव के पास। यह स्थान न केवल शेरों के लिए प्रसिद्ध है बल्कि सुंदर प्राकृतिक परिदृश्य, जंगल और विविध प्रजातियों का घर है|


कौन-कौन से जानवर मिलते हैं?

गिर केवल शेरों तक सीमित नहीं है। यहाँ और भी कई दुर्लभ और आकर्षक प्राणी मिलते हैं:

तेंदुआ (Leopard)

चीतल (Spotted Deer)

सांभर (Sambar Deer)

नीलगाय

लकड़बग्घा (Hyena)

मगरमच्छ

और 300+ से अधिक पक्षियों की प्रजातियाँ

यह जगह पक्षी प्रेमियों के लिए भी स्वर्ग है।


Gir Jungle Safari

The primary attraction is the Gir Jungle Safari, a 2.5 to 3-hour journey through the park's core area. While sightings of Asiatic lions are a highlight, the park also hosts leopards, hyenas, jackals, and over 300 bird species. Safaris operate in two shifts: morning (6:00–9:00 AM in summer; 6:45–9:45 AM in winter) and evening (4:00–7:00 PM in summer; 3:00–6:00 PM in winter) .


Devalia Safari Park

For those with limited time, the Devalia Safari offers a shorter, 1-hour experience within a fenced area. This safari guarantees sightings of lions and other wildlife, making it ideal for families and quick visits

Jungle Safari का रोमांच

गिर का सबसे बड़ा आकर्षण है इसका Jungle Safari। ये सफारी प्राइवेट और सरकारी दोनों होती हैं और सुबह और शाम के स्लॉट में चलती हैं।

⏰ सुबह: 6:30 AM से 9:30 AM

⏰ शाम: 3:30 PM से 6:30 PM

🛻 सफारी में खुली जीप मिलती है जिसमें गाइड भी साथ होता है।

🎫 Safari Book करना https://girlion.gujarat.gov.i

n पर करें।


कहां ठहरें?

सासन गिर में हर बजट के लिए होटल और रिसॉर्ट्स हैं:

Gir Jungle Lodge

The Fern Gir Forest Resort

Woods at Sasan

Daksh Resort & Amusement Park

Advance में बुकिंग करें क्योंकि पीक सीजन (Nov – March) में रश रहता है।


कब जाएं?

सर्वश्रेष्ठ समय:

नवंबर से मार्च – ठंडा और सुंदर मौसम

अप्रैल और मई – ज्यादा गर्मी लेकिन शेर देखने का चांस ज्यादा

जून 16 से अक्टूबर 15 – मॉनसून में पार्क बंद

 रहता है


लोकल फूड और संस्कृति

गुजरात की लोकल थाली में स्वादिष्ट व्यंजन जैसे ढोकला, खांडवी, थेपला और आमरस जरूर ट्राय करें। सासन गिर में स्थानीय ग्रामीण संस्कृति का अनुभव लेना एक अलग ही आनंद देता है।


Travel Tips

सफारी के लिए कैमरा ज़रूर रखें (बड़े लेंस का extra charge लगता है)

हल्के और earth-tone कपड़े पहनें

प्लास्टिक का उपयोग न करें

बच्चों और बुजुर्गों के लिए Devalia Safari 

बेस्ट है


कैसे पहुंचें?

✈️ नज़दीकी एयरपोर्ट: Keshod (38 KM), Diu (60 KM), Rajkot (160 KM)

🚆 रेलवे स्टेशन: Veraval और Junagadh

🚗 सड़क मार्ग: अहमदाबाद से लगभग 8 घंटे की

 दूरी


📞 Contact & Booking Help


यदि आप सासन गिर सफारी या गुजरात टूर की बुकिंग करवाना चाहते हैं, तो आप हमारी टीम से संपर्क कर सकते हैं:

📞 Call/WhatsApp: 8830930081

🌐 Website: www.dwarkato

ur.com


निष्कर्ष

Sasan Gir सिर्फ एक टूरिस्ट स्पॉट नहीं है, बल्कि ये एक ऐसी जगह है जहां आप प्रकृति को करीब से महसूस कर सकते हैं। शेरों की दहाड़, जंगल की शांति और गुजरात की संस्कृति – ये सभी इसे एक यादगार यात्रा बना देते हैं।

अगर आप वाकई कुछ अलग और रोमांचक अनुभव चाहते हैं – Sasan Gir must be on your bucket l

ist!

Friday, May 30, 2025

चार धाम यात्रा 2025 – गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ की पूरी जानकारी और मार्ग

Char Dham Yatra 2025 poster showing Yamunotri, Gangotri, Kedarnath, and Badrinath temples with snow-covered Himalayan backdrop


 📅 यात्रा अवधि: 10 से 12 दिन

🚩 मुख्य स्थान: उत्तराखंड

🛕 तीर्थ: गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ

🚗 यात्रा माध्यम: बस / टैक्सी / हेलिकॉप्टर / ट्रेकिंग


हरिद्वार/ऋषिकेश ➡️ यमुनोत्री ➡️ गंगोत्री ➡️ केदारनाथ ➡️ बद्रीनाथ ➡️ हरिद्वार वापसी

📍Day-wise Itinerary (Route with Night Stays)

🗓️ Day 1: हरिद्वार / ऋषिकेश आगमन

  • गंगा आरती – हर की पौड़ी दर्शन

  • होटल में रात का विश्राम


🗓️ Day 2: हरिद्वार से बरकोट (Yamunotri Base)

  • दूरी: 180 KM / 6-7 घंटे

  • रास्ते में मसूरी, काम्पटी फॉल्स

  • बरकोट में होटल स्टे


🗓️ Day 3: बरकोट से यमुनोत्री ट्रेक (6 KM)

  • जानकीचट्टी से घोड़े / पैदल ट्रेक

  • यमुनोत्री मंदिर दर्शन (यमुना नदी उद्गम स्थल)

  • शाम को वापसी बरकोट


🗓️ Day 4: बरकोट से उत्तरकाशी (Gangotri Base)

  • दूरी: 100 KM / 4 घंटे

  • काशी विश्वनाथ मंदिर दर्शन

  • उत्तरकाशी में होटल स्टे


🗓️ Day 5: गंगोत्री दर्शन (3200 मीटर ऊँचाई)

  • उत्तरकाशी से गंगोत्री: 100 KM / 3.5 घंटे

  • भागीरथी नदी का उद्गम स्थल

  • शाम तक उत्तरकाशी वापसी


🗓️ Day 6: उत्तरकाशी से गुप्तकाशी

  • दूरी: 210 KM / 8 घंटे

  • मंदाकिनी नदी किनारे बसे गुप्तकाशी में विश्राम


🗓️ Day 7: गुप्तकाशी से सोनप्रयाग और ट्रेक टू केदारनाथ

  • सोनप्रयाग – गौरीकुंड – केदारनाथ ट्रेक (16 KM पैदल / घोड़े से)

  • रात्रि विश्राम केदारनाथ में (धार्मिक वातावरण)


🗓️ Day 8: केदारनाथ मंदिर दर्शन – वापसी गुप्तकाशी

  • प्रातः बाबा केदारनाथ के दर्शन

  • ट्रेक वापस गौरीकुंड और वाहन से गुप्तकाशी


🗓️ Day 9: गुप्तकाशी से बद्रीनाथ

  • दूरी: 220 KM / 8 घंटे

  • चमोली, जोशीमठ होते हुए बद्रीनाथ पहुँचना

  • रात को बद्रीनाथ में ठहराव


🗓️ Day 10: बद्रीनाथ मंदिर दर्शन – वापस जोशीमठ

  • ताप्त कुंड स्नान, फिर बद्री विशाल के दर्शन

  • नीलकंठ पर्वत दर्शन

  • शाम को जोशीमठ/पिपलकोटी में स्टे


🗓️ Day 11: जोशीमठ से ऋषिकेश/हरिद्वार वापसी

  • दूरी: 250 KM / 9 घंटे


🧭 ट्रैवल मोड:

  • 🚌 बस / टैक्सी (हरिद्वार से)

  • 🚶‍♂️ ट्रेकिंग: यमुनोत्री, केदारनाथ

  • 🚁 हेलिकॉप्टर (केदारनाथ वैकल्पिक)


💰 पैकेज अनुमान (Per Person):

  • Budget: ₹22,000 – ₹35,000 (ग्रुप पर निर्भर)

  • हेलिकॉप्टर चार्ज अलग


📞 संपर्क करें बुकिंग के लिए:

Dwarka Tours and Travels
📲 8830930081 / 8799939832
📧 dwarkashreejitour@gmail.com



गुजरात 6 नाइट 7 डे टूर पैकेज – मंदिर दर्शन, समुद्र तट और जंगल सफारी का बेस्ट कॉम्बो

Dwarkadhish Temple, Somnath Temple, Asiatic Lion in Gir Forest and Sabarmati Ashram in Gujarat tour collage

 Gujarat 6 Night 7 Day Tour Package – Temple, Beach, and Jungle Safari Combo


🛕 Day 1: Ahmedabad Arrival – Local Sightseeing

आपका सफर शुरू होता है गुजरात की राजधानी अहमदाबाद से। एयरपोर्ट या रेलवे स्टेशन से पिकअप के बाद, सबसे पहले दर्शन होंगे:

  • साबरमती आश्रम

  • अक्षरधाम मंदिर

  • कांकरिया झील

  • हाटकेश्वर मंदिर

रात को होटल में चेक-इन और डिनर के साथ विश्राम।

🛕 Day 2: Ahmedabad to Dwarka (450 KM – 8 Hrs)

सुबह जल्दी नाश्ते के बाद रवाना होंगे द्वारका के लिए। रास्ते में प्रकृति का आनंद लेते हुए शाम तक "द ग्रैंड द्वारका" जैसे 3 स्टार होटल में चेक-इन।

🛕 Day 3: Dwarka Darshan – Bet Dwarka, Nageshwar

आज पूरा दिन भगवान कृष्ण की नगरी में:

  • द्वारकाधीश मंदिर

  • नगेश्वर ज्योतिर्लिंग

  • गोपी तालाब

  • रुक्मिणी मंदिर

  • बेत द्वारका (बोट राइड के साथ)

  • शिवराजपुर बीच पर सूर्यास्त

रात द्वारका में ही होटल स्टे।

🛕 Day 4: Dwarka to Somnath (Approx 250 KM) via Porbandar

सुबह प्रस्थान करेंगे सोमनाथ के लिए। रास्ते में:

  • पोरबंदर – महात्मा गांधी जी का जन्मस्थान, कीर्ति मंदिर

  • मुल द्वारका मंदिर

  • भालका तीर्थ

  • सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर

रात को होटल "VITS Gateway Somnath" में ठहराव।

🐯 Day 5: Somnath to Sasan Gir (70 KM) – Jungle Safari

आज हम बढ़ते हैं एशियाई शेरों की धरती सासन गिर की ओर।

  • दोपहर या सुबह सफारी (प्राइवेट/जीवन्त जंगल अनुभव)

  • देवलिया पार्क या गिर नेशनल पार्क

रात को फार्महाउस या रिसॉर्ट में रुकाव।

🛕 Day 6: Sasan Gir to Junagadh to Ahmedabad

सुबह जूनागढ़ के लिए निकलें:

  • ऊँचे पहाड़ों पर स्थित गिरनार मंदिर (केबल कार ऑप्शन)

  • महाबत मकबरा

  • फिर अहमदाबाद के लिए प्रस्थान

  • होटल में रात्री विश्राम

🛫 Day 7: Ahmedabad Airport/Station Drop

टूर का अंतिम दिन – नाश्ते के बाद ड्रॉप किया जाएगा एयरपोर्ट या स्टेशन पर, दिल में ढेर सारी यादें लेकर।

✅ पैकेज में शामिल:

  • AC बुस या प्राइवेट टैक्सी (Innova / Crysta / Tempo)

  • 3 स्टार होटल स्टे (6 नाइट्स)

  • ब्रेकफास्ट

  • एंट्री टिकट (जहां ज़रूरी)

  • सफारी बुकिंग सपोर्ट


💰 अनुमानित लागत:

₹12,500 – ₹18,500 प्रति व्यक्ति (ग्रुप/सीजन पर निर्भर)


📞 बुकिंग के लिए संपर्क करें:

📍 Dwarka Tours and Travels
📲 Call/WhatsApp: [8830930081 / 8799939832]
📧 dwarkashreejitour@gmail.com



स्टैच्यू ऑफ यूनिटी – सरदार पटेल की विरासत और भारत की शान

 "स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की दूर से ली गई भव्य तस्वीर"

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में एक ऐतिहासिक और भव्य स्मारक के रूप में प्रसिद्ध है। यह प्रतिमा भारत के लौह पुरुष – सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित है, जिनके अथक प्रयासों से आज भारत एक एकीकृत राष्ट्र बना। यह प्रतिमा नर्मदा नदी के किनारे, गुजरात के केवड़िया में स्थित है और यह विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है।


स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की विशेषताएं

ऊंचाई: 182 मीटर (597 फीट)
लोकेशन: साधु बेट, केवड़िया, गुजरात
निर्माण अवधि: 2013 से 2018
अनावरण: 31 अक्टूबर 2018, सरदार पटेल की 143वीं जयंती पर
निर्माता: लार्सन एंड टुब्रो (L&T)

यह प्रतिमा अमेरिका की स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से दोगुनी ऊंची है। इसकी मजबूती और सौंदर्यशाली कारीगरी पूरे विश्व को भारत की स्थापत्य क्षमता का परिचय कराती है।


कैसे पहुंचे?

नजदीकी रेलवे स्टेशन: वडोदरा (90 किमी), भरूच, अहमदाबाद
हवाई अड्डा: वडोदरा एयरपोर्ट (90 किमी)
सड़क मार्ग: केवड़िया देश के प्रमुख शहरों से बस या टैक्सी द्वारा जुड़ा हुआ है।

टिकट जानकारी


टिकट प्रकार कीमत
सामान्य प्रवेश ₹150
ऑब्जर्वेशन डेक टिकट ₹380
बच्चों के लिए (3-15 वर्ष) ₹60 – ₹200
बोट राइडिंग, बस, वैली ऑफ फ्लावर्स, म्यूजियम आदि शामिल होते हैं 

टिकट ऑनलाइन https://soutickets.in पर उपलब्ध हैं।


देखने लायक प्रमुख स्थान


1. ऑब्जर्वेशन डेक


यहाँ से आप नर्मदा नदी और सरदार सरोवर डैम का शानदार दृश्य देख सकते हैं। डेक 153 मीटर की ऊंचाई पर है।


2. वल्ली ऑफ फ्लावर्स


इस सुंदर बगीचे में रंग-बिरंगे फूल, हरियाली और सुकून भरा वातावरण मिलता है। यह सेल्फी और फोटोग्राफी के लिए भी बेस्ट है।


3. सरदार पटेल म्यूजियम


यहाँ सरदार पटेल के जीवन, योगदान और स्वतंत्रता संग्राम की कहानी डिजिटल माध्यम से दिखाई जाती है।

4. नाइट लाइट शो


हर शाम स्टैच्यू पर एक शानदार लेजर शो होता है जो सरदार पटेल की जीवनगाथा को दिखाता है।


5. बटरफ्लाई गार्डन, कैक्टस गार्डन, जंगल सफारी पार्क, और चिल्ड्रन न्यूट्रिशन पार्क जैसे अनेकों आकर्षण भी मौजूद हैं।



🏨 रहने की व्यवस्था


पर्यटकों के लिए केवड़िया में Tent City, 3-star होटल्स, और गवर्नमेंट गेस्ट हाउस की अच्छी सुविधाएं उपलब्ध हैं। ऑनलाइन बुकिंग Agoda, MakeMyTrip या सरकार की साइट से की जा सकती है।


📸 पर्यटन अनुभव और गूगल डिस्कवर के लिए टिप्स


स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की यात्रा के समय सुबह जल्दी जाएं, ताकि भीड़ से बचा जा सके।

ऑनलाइन टिकट पहले से बुक करें।

फोन में कैमरा, पावर बैंक और ID कार्ड जरूर रखें।

बोट राइड, हेरिटेज ट्रेन और एकता मॉल का भी आनंद लें।



🧾 इतिहास से प्रेरणा


सरदार वल्लभभाई पटेल ने स्वतंत्र भारत को 562 रियासतों से जोड़कर एक अखंड राष्ट्र बनाने में अहम भूमिका निभाई। उनकी इसी उपलब्धि को याद रखने और नई पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए यह स्मारक बनाया गया है।

Statue of Unity सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि यह राष्ट्र की एकता, अखंडता और संकल्प का प्रतीक है। अगर आप गुजरात की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को अपनी सूची में जरूर शामिल करें। यहाँ का अनुभव न केवल शैक्षणिक है बल्कि आत्मिक भी।















Wednesday, May 28, 2025

5 दिनों में घूमिए पूरा गुजरात – द्वारका, सोमनाथ से लेकर स्टैचू ऑफ यूनिटी तक

A 5-day Gujarat tour itinerary poster in Hindi covering Dwarka, Somnath, Junagadh, Ahmedabad, and the Statue of Unity with daily plans and temple visits clearly illustrated.

 क्या आप गुजरात घूमने का प्लान बना रहे हैं लेकिन समय सिर्फ 5 दिन का है? चिंता मत कीजिए! हम आपको ऐसा 5 दिन का प्लान दे रहे हैं जिसमें आप गुजरात के प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक स्थानों को कवर कर पाएंगे – वो भी कम बजट और आरामदायक टैक्सी सेवा के साथ।

दिन 1 – अहमदाबाद से द्वारका की ओर यात्रा

सुबह अहमदाबाद से टैक्सी द्वारा रवाना हों। रास्ते में आप चोटीला मंदिर या स्थानीय ढाबों का आनंद ले सकते हैं। शाम तक आप द ग्रैंड द्वारिका होटल या अन्य होटल में चेक-इन करेंगे। रात को आप द्वारकाधीश मंदिर में शाम की आरती में भाग ले सकते हैं।

दिन 2 – द्वारका दर्शन और सोमनाथ के लिए प्रस्थान

सुबह नाश्ते के बाद द्वारका दर्शन:

द्वारकाधीश मंदिर

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग

बेत द्वारका

गोपी तालाब

रुक्मणीमंदिर

शिवराजपुर बीच (ब्लू फ्लैग अवॉर्ड विनर)

दोपहर के बाद सोमनाथ की ओर रवाना हों। रास्ते में हर्षिदी माता मंदिर, मुल द्वारका, पोरबंदर – महात्मा गांधी का जन्मस्थान देख सकते हैं। रात को VITS Somnath Gateway या किसी अन्य होटल 

में चेक-इन करें।


दिन 3 – सोमनाथ दर्शन और गिर, जूनागढ़ होते हुए अहमदाबाद वापसी

सुबह सोमनाथ मंदिर, त्रिवेणी संगम, भालका तीर्थ, सुरज मंदिर जैसी जगहों के दर्शन करें।

इसके बाद रवाना हों:

गिर नेशनल पार्क (सीजन में सफारी करें)

जूनागढ़ – उपरकोट किला, अशोक शिलालेख, महामाता मंदिर

शाम तक अहमदाबाद वापस लौटें। Lotus Park Hotel या किसी अन्य होटल में रात्रि विश्राम करें।


दिन 4 – अहमदाबाद लोकल सिटी टूर


अक्षरधाम मंदिर

हथीसिंह जैन मंदिर

कांकड़िया लेक

साइंस सिटी

रिवरफ्रंट

मानक चोक और लॉटरी मार्केट शॉपिंग

शाम को होटल वापस आएं और अपने अंतिम दिन की

 तैयारी करें।


दिन 5 – स्टैचू ऑफ यूनिटी और वापसी


सुबह जल्दी उठकर केवड़िया स्थित Statue of Unity के लिए निकलें। यहां पर आप:

सरदार पटेल की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा

सरदार सरोवर डैम

फ्लावर ऑफ वैली

जंगल सफारी

लाइट एंड साउंड शो

इन सब का आनंद ले सकते हैं। शाम तक आप वडोदरा रेलवे स्टेशन या एयरपोर्ट से अपने घर वाप

सी कर सकते हैं।


🚕 हमारी टैक्सी सेवा क्यों चुनें?


✅ सभी प्रमुख शहरों और मंदिरों के लिए अनुभवी ड्राइवर

✅ A/C Swift Dzire, Ertiga, Innova Crysta और Urbania गाड़ियाँ उपलब्ध

✅ टाइम पर पिकअप और ड्रॉप

✅ लोकल गाइड की सुविधा (ऑन डिमांड)



📞 बुकिंग के लिए कॉल करें: 8830930081 / 8799939832

📲 या WhatsApp पर मेसेज करें: क्लिक करें WhatsApp पर बात करने के लिए


Tuesday, May 27, 2025

"Kesari Veer: सोमनाथ के मंदिर की शौर्यगाथा अब बड़े पर्दे पर"

Kesari Veer movie poster with warriors and Somnath temple in background

 Introduction:

भारतीय इतिहास का हर अध्याय अपनी वीरता और शौर्य की गाथा को सहेजे हुए है, लेकिन कुछ क़िस्से ऐसे हैं जो पूरी पीढ़ी को प्रेरणा देते हैं। "Kesari Veer: Legends of Somnath" फिल्म इसी तरह की एक वीरता की कहानी को बड़े पर्दे पर जीवंत कर रही है। फिल्म का ट्रेलर लॉन्च होते ही यह दर्शकों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। यह फिल्म सोमनाथ मंदिर की ऐतिहासिक शौर्यगाथा को बयां करती है, जिसमें हम देखेंगे कि कैसे वीर योद्धाओं ने मंदिर की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। तो चलिए जानते हैं, इस ऐतिहासिक फिल्म के बारे में और कैसे यह हमें हमारी वीरता की याद दिलाती है।

1. सोमनाथ का ऐतिहासिक महत्व:

सोमनाथ मंदिर भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है, जो गुजरात के सोमनाथ शहर में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यह धार्मिक रूप से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। सोमनाथ की रक्षा के लिए जो युद्ध लड़े गए, उनकी गाथाएँ भारतीय इतिहास के सबसे वीर अध्यायों में शामिल हैं। इन संघर्षों के दौरान कई विदेशी आक्रांता मंदिर को नष्ट करने के लिए आए थे, लेकिन भारतीय योद्धाओं ने इसे बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।

Kesari Veer warrior shouting scene with rudraksha and tilak

2. "Kesari Veer" फिल्म का उद्देश्य:

"Kesari Veer: Legends of Somnath" एक ऐतिहासिक ड्रामा है, जो सोमनाथ मंदिर की रक्षा करने वाले उन वीर योद्धाओं की संघर्ष गाथा पर आधारित है। यह फिल्म दर्शाती है कि कैसे इन योद्धाओं ने धर्म की रक्षा करने के लिए अपनी जान की बाज़ी लगाई और एक साथ मिलकर विदेशी आक्रमणकारियों के खिलाफ युद्ध लड़ा। इस फिल्म का उद्देश्य दर्शकों को हमारे ऐतिहासिक युद्धों और हमारे धर्म की रक्षा करने वाले नायकों के बारे में जागरूक करना है।

3. फिल्म की स्टारकास्ट और निर्देशन:

फिल्म में प्रमुख भूमिका निभाने वाले कलाकारों ने अपनी दमदार अभिनय के जरिए इस फिल्म को और भी दिलचस्प बना दिया है। अभिनेता जो सोमनाथ के प्रमुख योद्धा के रूप में दिखाई दे रहे हैं, उनके अभिनय में जो गहराई और प्रभाव है, वह दर्शकों को अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करता है। इसके अलावा, फिल्म के निर्देशन में भी कुछ खास बात है। फिल्म का निर्देशन एक अनुभवी और सम्मानित फिल्म निर्माता ने किया है, जो ऐतिहासिक फिल्मों को बड़े पर्दे पर बेहतरीन तरीके से पेश करने के लिए जाने जाते हैं।

4. फिल्म की शूटिंग और दृश्य:

"Kesari Veer" की शूटिंग सोमनाथ मंदिर और गुजरात के अन्य ऐतिहासिक स्थानों पर की गई है। इन स्थानों को फिल्म में इतने शानदार तरीके से पेश किया गया है कि दर्शक खुद को इतिहास के बीच महसूस करते हैं। फिल्म में युद्ध और एक्शन के दृश्य न केवल दर्शकों को रोमांचित करते हैं, बल्कि यह उन वीरों की वास्तविक संघर्ष की कहानी को भी दर्शाते हैं, जो उन्होंने सोमनाथ मंदिर की रक्षा के लिए लड़ा था। इन दृश्यों के साथ-साथ फिल्म में दिखाए गए मंदिर के भव्य दृश्य भी दर्शकों को आस्था और भक्ति की भावना से जोड़ते हैं।

5. फिल्म का संदेश:

फिल्म "Kesari Veer" का एक महत्वपूर्ण संदेश यह है कि हमारी संस्कृति और धर्म की रक्षा के लिए हमें एकजुट होकर लड़ाई लानी चाहिए। यह फिल्म हमें यह भी सिखाती है कि वीरता केवल शारीरिक ताकत नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक साहस का भी परिणाम है। हमारे पूर्वजों ने न केवल अपनी ज़िन्दगी को दांव पर लगाया, बल्कि अपने धर्म और संस्कृति के लिए अपनी जान दी। यह फिल्म हमें अपने इतिहास से जुड़े रहने और उसे आगे बढ़ाने का आह्वान करती है।

6. सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया:

ट्रेलर लॉन्च के बाद, सोशल मीडिया पर इस फिल्म को लेकर जबरदस्त प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। लोग इस फिल्म की तारीफ कर रहे हैं और इसे भारतीय इतिहास का अद्भुत चित्रण मान रहे हैं। दर्शकों का कहना है कि इस फिल्म को देखकर उन्हें अपने इतिहास पर गर्व महसूस हुआ। कई यूज़र्स ने सोशल मीडिया पर #KesariVeer और #LegendsOfSomnath हैशटैग के साथ अपनी प्रतिक्रिया दी है, जिससे फिल्म की लोकप्रियता और बढ़ी है।

7. फिल्म के बारे में दर्शकों की उम्मीदें:

"Kesari Veer" की रिलीज़ के बाद दर्शक उम्मीद कर रहे हैं कि यह फिल्म केवल मनोरंजन नहीं बल्कि शिक्षा का भी एक अच्छा स्रोत बनेगी। यह फिल्म दर्शकों को हमारे गौरवशाली इतिहास से अवगत कराएगी और उन्हें हमारे पूर्वजों के बलिदान को याद दिलाएगी। साथ ही, यह फिल्म फिल्मी इंडस्ट्री में ऐतिहासिक और वीरता आधारित फिल्मों के निर्माण के प्रति एक प्रेरणा बनेगी।

8. निष्कर्ष:

"Kesari Veer: Legends of Somnath" एक ऐसी फिल्म है, जो भारतीय इतिहास और संस्कृति की रक्षा करने वाले वीरों की गाथा को बड़े पर्दे पर जीवंत करती है। फिल्म का ट्रेलर दर्शाता है कि यह फिल्म सिर्फ एक ऐतिहासिक चित्रण नहीं, बल्कि हमारे वीर योद्धाओं के प्रति श्रद्धांजलि भी है। अगर आप भी भारतीय इतिहास, धर्म, और संस्कृति में रुचि रखते हैं, तो यह फिल्म आपके लिए एक आदर्श अनुभव होगी।

Monday, May 26, 2025

"Vantara Jamnagar: गुजरात का अनोखा वाइल्डलाइफ साम्राज्य"

वंतारा जामनगर का टिकट प्राइस 2025

वंतारा के हर कोने में जानवरों को मिला है सुरक्षित और प्राकृतिक माहौल।

Vantara Jamnagar – एशिया का सबसे बड़ा एनिमल किंगडम, जो हर नेचर लवर को देखना चाहिए"

वंतारा जामनगर क्या है?


वंतारा (Vantara) भारत के गुजरात राज्य के जामनगर जिले में स्थित एक अनोखा और विशाल वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी और रेस्क्यू सेंटर है, जिसकी स्थापना रिलायंस इंडस्ट्रीज के तहत अनंत अंबानी द्वारा की गई है। इसका नाम संस्कृत शब्द “वन” (जंगल) और “तारा” (संरक्षण) से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है – "जंगलों का रक्षक।"

वंतारा का उद्देश्य


वंतारा का मुख्य उद्देश्य घायल, बीमार और अवैध व्यापार से मुक्त किए गए जानवरों का इलाज, पुनर्वास और संरक्षण करना है। यह प्रोजेक्ट न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा में है क्योंकि यह एशिया की सबसे बड़ी एनिमल रेस्क्यू और पुनर्वास परियोजना है।अनंत अंबानी वंतारा जामनगर प्रोजेक्ट लॉन्च करते हुए
अनंत अंबानी ने वंतारा जामनगर की शुरुआत एक मिशन के रूप में की – जानवरों को नई जिंदगी देने के लिए।


वंतारा में क्या-क्या देखने को मिलेगा?


यहां पर आपको दुनिया भर के दुर्लभ जानवरों की प्रजातियाँ देखने को मिलेंगी, जैसे:

हाथी संरक्षण केंद्र

बाघ और सिंह एन्क्लोज़र

रेप्टाइल हाउस और बर्ड सैंक्चुरी

रेस्क्यू हॉस्पिटल

जंगल सफारी ट्रैक

ईको-फ्रेंडली सस्टेनेबल फैसिलिटीज


वंतारा में कौन-कौन से जानवर हैं?


वर्तमान में यहां 2000+ जानवरों को शरण दी गई है, जिनमें शामिल हैं:

भारतीय हाथी

शेर, बाघ और तेंदुआ

हाइना और भालू

अफ्रीकन शेर और गैंडे (बाहरी देश से लाए गए)

दुर्लभ पक्षियों की प्रजातियांवंतारा जामनगर में हाथी संरक्षण केंद्र

2025 में खुलने जा रहे वंतारा की टिकट कीमत और बुकिंग जानकारी जानिए यहां।


वंतारा जामनगर का टिकट प्राइस 2025


श्रेणी टिकट मूल्य (संभावित)

भारतीय पर्यटक ₹500 – ₹1000 प्रति व्यक्ति
विदेशी पर्यटक ₹2000 – ₹3000 प्रति व्यक्ति
बच्चों के लिए ₹250 – ₹500
VIP और प्राइवेट टूर ₹5000 – ₹10000


> टिकट की पुष्टि और बुकिंग केवल आधिकारिक वेबसाइट vantarajamnagar.org पर की जा सकती है।

वंतारा के दर्शन के लिए सबसे अच्छा समय


गुजरात में ठंड का मौसम (नवंबर से फरवरी) वंतारा घूमने के लिए सबसे बेहतर है क्योंकि इस दौरान तापमान भी सुहावना रहता है और सभी जानवर एक्टिव दिखाई देते हैं।


वंतारा कैसे पहुंचे?


निकटतम रेलवे स्टेशन: जामनगर (20 KM)
निकटतम एयरपोर्ट: जामनगर एयरपोर्ट (22 KM)
रोड कनेक्टिविटी: राजकोट, द्वारका, पोरबंदर और अहमदाबाद से सीधी कनेक्टिविटी


वंतारा विजिट के नियम


प्री-बुकिंग आवश्यक है

गाइडेड टूर ही उपलब्ध होगा

जानवरों को खाना देना, फ्लैश फोटोग्राफी और लिटरिंग सख्त मना है

बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष सुविधा उपलब्ध


वंतारा क्यों खास है?


दुनिया के सबसे बड़े प्राइवेट वाइल्डलाइफ रेस्क्यू प्रोजेक्ट्स में से एक

अत्याधुनिक पशु चिकित्सा सुविधा

हर जानवर की डिजिटल हेल्थ ट्रैकिंग

पर्यावरण के प्रति संवेदनशील निर्माण


निष्कर्ष


वंतारा न केवल एक पर्यटन स्थल है, बल्कि एक जिम्मेदारी है – प्रकृति और वन्यजीवों के प्रति। अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं या परिवार के साथ किसी शांत और सीखने योग्य जगह पर जाना चाहते हैं, तो वंतारा जामनगर एक बेहतरीन विकल्प है।

Booking & Official Info:

Website: www.vantarajamnagar.org
Helpline: जल्द ही वेबसाइट पर उपलब्ध


"अगर आप भी प्रकृति से प्यार करते हैं तो वंतारा ज़रूर घूमिए। अपनी राय नीचे कमेंट में बताएं!"



Sunday, May 25, 2025

द्वारका का सबसे फेमस भोजन: श्रीनाथ डाइनिंग हॉल की थाली – स्वाद, सेवा और संपूर्ण संतोष

Shreenathji Dining Hall की स्वादिष्ट गुजराती थाली
“Shreenathji Dining Hall, Dwarka – Local favorite for unlimited Gujarati thali.”

1. Shreenathji Dining Hall – एक छोटी शुरुआत, बड़ी सफलता की कहानी

Shreenathji Dining Hall की शुरुआत एक छोटी सी जगह से हुई थी जहाँ सिर्फ कुछ श्रद्धालु भोजन के लिए आया करते थे। लेकिन उनकी सच्चाई से बनी थाली, शुद्धता से परोसा गया खाना और प्रेमभाव से किया गया सेवा ने लोगों के दिल में इतनी जगह बना ली कि आज इनके पास 3 तक शाखाएँ हैं।

द्वारका आने वाले हजारों यात्रियों के लिए Shreenathji की थाली अब एक पहचान बन चुकी है।

Shreenathji Dining Hall द्वारका के बाहर की भीड़
“Shreenathji Dining Hall, Dwarka 

2. यहाँ हर दिन इतनी भीड़ क्यों होती है?

Shreenathji Dining Hall की भीड़ का कारण सिर्फ उनका खाना नहीं है, बल्कि उनकी खिलाने की भावना है। यहाँ जो लोग खाना परोसते हैं – खासकर मौसी जी, वे हर प्लेट में प्यार और आशीर्वाद भी परोसती हैं।

  • छाछ हो या मक्खन,

  • गरमा गरम फुलका हो या खट्टी मीठी कढ़ी,

  • चार से पाँच प्रकार के अचार,

  • और Unlimited भोजन...

हर चीज़ में एक मिठास होती है, जो सिर्फ मसाले से नहीं – प्रेम से आती है।

मौसी जी द्वारा प्रेम से परोसा गया खाना

3. मौसी जी का अपनापन – यही है असली स्वाद का रहस्य

Shreenathji Dining Hall की जान हैं वहाँ की मौसी जी, जो आज भी हर ग्राहक से ऐसे मिलती हैं जैसे कोई माँ अपने बच्चों को खाना खिला रही हो।

जब आप कहेंगे, "बस मौसी जी, अब और नहीं",
वो मुस्कराकर बोलेंगी, "एक रोटी और खा ले बेटा, मना मत कर।"

उनके यही शब्द, उनका प्रेम और अपनापन ही आज भी लोगों को यहाँ सुबह और शाम दोनों टाइम खिंच कर ले आता है।

Unlimited Gujarati Thali in Dwarka – Shreenathji Dining

4. Shreenathji की थाली में क्या-क्या खास मिलता है?

यहाँ की थाली सिर्फ भोजन नहीं – गुजराती संस्कृति का स्वाद है। यह सिर्फ ₹170 में अनलिमिटेड मिलती है।

थाली में शामिल हैं:

  • 3–4 प्रकार की ताज़ी सब्जियाँ

  • बाजरे की रोटी, फुल्का

  • गरमा गरम फाफड़ा/भजिया

  • 5 से 6 वैरायटी के अचार

  • ताज़ा छाछ और घर जैसा मक्खन

  • मिर्च, पापड़, सलाद

  • और Unlimited बार परोसी जाती थाली

यहाँ बैठकर ऐसा लगता है मानो आप किसी माताजी के हाथों से बना खाना खा रहे हों।


5. क्यों Shreenathji Dining Hall को द्वारका में मिस नहीं करना चाहिए?

अगर आप द्वारकाधीश मंदिर दर्शन के बाद किसी अच्छे और शुद्ध खाने की तलाश में हैं, तो यहाँ जरूर जाएँ।
भीड़, स्वाद, प्रेम, और सेवा – सबकुछ एक जगह।


Dwarka घूमने के लिए Taxi की ज़रूरत है?

Dwarka, Somnath, Gir, Bet Dwarka जैसी यात्राओं के लिए अगर आप आरामदायक और भरोसेमंद टैक्सी की तलाश में हैं तो हम आपकी सेवा में हैं:

Dwarka Taxi Services – आपका ट्रैवल पार्टनर।


Saturday, May 24, 2025

मुकेश अंबानी आज पहुंचे द्वारकाधीश मंदिर – पूरे परिवार संग किए दर्शन

 "ब्रेकिंग न्यूज़: अंबानी परिवार का द्वारकाधीश मंदिर में आगमन – 24/05/2025"

अंबानी परिवार का श्री द्वारकाधीश मंदिर आगमन – श्रद्धा, संस्कृति और भक्ति का अनोखा संगम

प्रस्तावना:
भारत के सबसे प्रतिष्ठित उद्योगपति परिवारों में शुमार अंबानी परिवार ने 24 मई 2025 को गुजरात के द्वारका शहर स्थित श्री द्वारकाधीश मंदिर में अपने पूरे परिवार सहित दर्शन किए। यह धार्मिक यात्रा न केवल एक पारिवारिक आध्यात्मिक अनुभव थी, बल्कि भारत की प्राचीन संस्कृति, परंपरा और आस्था का जीवंत उदाहरण भी बनी।

मुख्य आयोजन और पूजन विधि:
अंबानी परिवार के युवराज आकाश अंबानी अपनी पत्नी, बच्चों और परिवारजनों के साथ मंदिर में विशेष पूजन हेतु पहुंचे। उन्होंने मंदिर परिसर में पायूका पूजन, ध्वज पूजन और शारदापीठ में पारंपरिक विधियों के साथ धार्मिक अनुष्ठान किया। मंदिर के पुजारियों और विद्वानों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजा संपन्न करवाई। इस अवसर पर मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ भी देखने को मिली, जिन्होंने पूरे आयोजन को श्रद्धा से निहारा।

स्थानीय प्रशासन और मंदिर समिति की भूमिका:
दर्शन के दौरान जिला कलेक्टर और मंदिर ट्रस्ट समिति के अधिकारियों ने अंबानी परिवार का गरिमापूर्ण स्वागत किया। उन्हें मंदिर की परंपराओं, इतिहास और विशेषताओं की जानकारी दी गई। मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था भी पूरी तरह से चौकस थी, जिससे दर्शन में कोई बाधा न आए।

मुकेश अंबानी और परिवार द्वारकाधीश मंदिर में पूजा करते हुए – 24 मई 2025"

परिवार की श्रद्धा और आध्यात्मिक ऊर्जा:
पूजन के समय की कुछ तस्वीरों में आकाश अंबानी को अपने बच्चों के साथ फल, फूल और नारियल अर्पित करते हुए देखा गया। उनकी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्य भी पूजा में पूरी भक्ति और श्रद्धा से भाग ले रहे थे। इस आयोजन ने यह दिखाया कि देश के सबसे समृद्ध परिवार भी भगवान के दरबार में पूरी विनम्रता और आस्था से झुकते हैं।

भक्ति और भारतीय संस्कृति का प्रतीक:
भारत में मंदिर केवल पूजा स्थल नहीं होते, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र होते हैं। अंबानी परिवार का यह दौरा दर्शाता है कि आध्यात्मिकता आज भी भारतीय जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा है। द्वारकाधीश मंदिर, जो कि भगवान श्रीकृष्ण की नगरी के रूप में जाना जाता है, में इस प्रकार का आयोजन पूरे देश को प्रेरित करता है।

भविष्य की संभावनाएं और संदेश:
इस प्रकार के कार्यक्रमों से धार्मिक पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलता है। जब देश के प्रभावशाली और लोकप्रिय परिवार इस प्रकार के धार्मिक स्थलों का दौरा करते हैं, तो आम जनता में भी उस स्थल की आस्था और महत्व बढ़ता है। द्वारका जैसे तीर्थ स्थलों को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने में यह आयोजन सहायक हो सकता है।

समापन विचार:
अंबानी परिवार की यह धार्मिक यात्रा केवल एक पारिवारिक परंपरा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, भक्ति और अध्यात्म की एक गूंज थी, जिसने पूरे द्वारका शहर को एक पावन ऊर्जा से भर दिया। ऐसे आयोजनों से यह सिद्ध होता है कि चाहे कोई कितनी भी ऊंचाई पर क्यों न हो, भगवान के चरणों में सभी एक समान हैं।


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