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Janmashtami 2025 – Dwarka Taxi के साथ पावन दर्शन यात्रा का अनुभव

  “जय श्रीकृष्ण!” भारतवर्ष में जन्माष्टमी का पर्व एक विशेष आध्यात्मिक ऊर्जा लेकर आता है, लेकिन Dwarka में इस पर्व का आनंद और भी दिव्य होता है। श्रीकृष्ण की नगरी Dwarka में Janmashtami का उत्सव देखने हजारों श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं। यदि आप इस वर्ष Janmashtami 2025 के अवसर पर Dwarka यात्रा की सोच रहे हैं, तो Dwarka Taxi Service के साथ आपकी यात्रा और भी सहज, सुरक्षित और यादगार बन सकती है।  क्यों खास है Dwarka में Janmashtami? Dwarka, Gujarat का एक पवित्र तीर्थस्थल है जहाँ श्रीकृष्ण ने द्वारका नगरी बसाई थी। Janmashtami के दिन यहाँ भव्य श्रृंगार, झूलन उत्सव, सांस्कृतिक कार्यक्रम, और विशेष मंगला आरती का आयोजन होता है। इस दिन: Dwarkadhish Mandir को हजारों दीपों से सजाया जाता है। रात 12 बजे जन्म आरती के दौरान हजारों श्रद्धालु ‘नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की’ के जयकारे लगाते हैं। Beyt Dwarka, Rukmini Mandir, और Nageshwar Jyotirling में भी विशेष पूजन होता है। Dwarka Taxi Service – आपकी यात्रा का भरोसेमंद साथी अगर आप Rajkot, Jamnagar, या Ahmedabad से Dwarka यात्रा पर आ रहे हैं, त...

श्रावण में गुजरात की शिव-यात्रा – द्वारका, नागेश्वर और सोमनाथ महादेव दर्शन प्लान करें आज ही

 श्रावण मास हिन्दू पंचांग का सबसे पावन महीना माना जाता है। यह मास भगवान शिव को समर्पित होता है और इसी महीने में लाखों श्रद्धालु शिवालयों की यात्रा पर निकलते हैं। अगर आप भी इस श्रावण मास में किसी विशेष और पवित्र तीर्थ की योजना बना रहे हैं, तो गुजरात की शिव-त्रयी यात्रा — सोमनाथ, नागेश्वर, और द्वारकाधीश — एक अद्भुत अनुभव हो सकता है। श्रावण मास का महत्व श्रावण मास में शिव पूजन, व्रत, रुद्राभिषेक, और ज्योतिर्लिंग दर्शन करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि इस महीने भगवान शिव स्वयं पृथ्वी पर विचरण करते हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। विशेषतः सोमवार (श्रावण सोमवार) को किया गया व्रत और दर्शन कई गुना फलदायी होता है। सोमनाथ ज्योतिर्लिंग 🔱 सोमनाथ महादेव का महत्व सोमनाथ भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से पहला और सबसे प्राचीन माना जाता है। यह मंदिर गुजरात के पश्चिमी सौराष्ट्र तट पर स्थित है और समुद्र के किनारे इसकी महिमा अतुलनीय है। ✨ पौराणिक कथा: कहा जाता है कि चंद्रदेव (सोम) ने भगवान शिव की तपस्या की थी ताकि उन्हें श्राप से मुक्ति मिले। भगवान शिव ने उन्हें...

"द्वारका में इन 5 स्थलों के बिना दर्शन अधूरी है आपकी यात्रा"

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित द्वारका केवल एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति, पुराणों और श्रीकृष्ण की लीलाओं का जीवंत प्रमाण है। यह पावन भूमि चार धामों में से एक मानी जाती है और श्रीकृष्ण की कर्मभूमि रही है। इस लेख में हम जानेंगे द्वारकाधीश मंदिर, नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, बेट द्वारका, गोपी तालाब और रुक्मिणी मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व। द्वारकाधीश मंदिर का इतिहास द्वारकाधीश मंदिर, जिसे जगत मंदिर भी कहा जाता है, भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। यह मंदिर करीब 2500 साल पुराना माना जाता है और इसका उल्लेख स्कंद पुराण, विष्णु पुराण, भागवत पुराण आदि ग्रंथों में भी मिलता है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण मूल रूप से भगवान कृष्ण के पोते वज्रनाभ ने करवाया था। मंदिर की वास्तुकला नागर शैली में बनी है और इसकी ऊंचाई लगभग 78 मीटर है। शिखर पर 52 गज लंबा ध्वज फहराया जाता है, जिसे दिन में कई बार बदला जाता है। मंदिर पांच मंजिला है और इसमें 72 स्तंभ हैं। द्वारकाधीश मंदिर न केवल एक श्रद्धा का केंद्र है बल्कि वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण भी है। नागेश्वर ज्योतिर्लिंग का इतिहास नागेश्वर महादेव मंदि...

मुकेश अंबानी आज पहुंचे द्वारकाधीश मंदिर – पूरे परिवार संग किए दर्शन

  अंबानी परिवार का श्री द्वारकाधीश मंदिर आगमन – श्रद्धा, संस्कृति और भक्ति का अनोखा संगम प्रस्तावना: भारत के सबसे प्रतिष्ठित उद्योगपति परिवारों में शुमार अंबानी परिवार ने 24 मई 2025 को गुजरात के द्वारका शहर स्थित श्री द्वारकाधीश मंदिर में अपने पूरे परिवार सहित दर्शन किए। यह धार्मिक यात्रा न केवल एक पारिवारिक आध्यात्मिक अनुभव थी, बल्कि भारत की प्राचीन संस्कृति, परंपरा और आस्था का जीवंत उदाहरण भी बनी। मुख्य आयोजन और पूजन विधि: अंबानी परिवार के युवराज आकाश अंबानी अपनी पत्नी, बच्चों और परिवारजनों के साथ मंदिर में विशेष पूजन हेतु पहुंचे। उन्होंने मंदिर परिसर में पायूका पूजन , ध्वज पूजन और शारदापीठ में पारंपरिक विधियों के साथ धार्मिक अनुष्ठान किया। मंदिर के पुजारियों और विद्वानों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजा संपन्न करवाई। इस अवसर पर मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ भी देखने को मिली, जिन्होंने पूरे आयोजन को श्रद्धा से निहारा। स्थानीय प्रशासन और मंदिर समिति की भूमिका: दर्शन के दौरान जिला कलेक्टर और मंदिर ट्रस्ट समिति के अधिकारियों ने अंबानी परिवार का गरिमापूर्ण स्वागत किया।...
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