द्वारकाधीश मंदिर में रोज़ 5 बार झंडा क्यों फहराया जाता है? भारत के चार प्रमुख धामों में शामिल द्वारकाधीश मंदिर ना सिर्फ भगवान श्रीकृष्ण की दिव्यता का प्रतीक है, बल्कि यहां की विशेष परंपराएं इसे अद्भुत बनाती हैं। सबसे अनोखी परंपरा है — रोज़ाना 5 बार ध्वज चढ़ाया जाना । ध्वज फहराने का धार्मिक महत्व ऐसा माना जाता है कि द्वारकाधीश मंदिर में श्रीकृष्ण आज भी सशरीर विराजमान हैं। हर झंडा भगवान को समर्पित होता है और इसे भक्त स्वयं मंदिर की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाकर अर्पित करते हैं। ध्वज चढ़ाने के समय हर दिन पांच बार अलग-अलग समय पर झंडा चढ़ाया जाता है: सुबह 8:00 बजे 10:30 बजे दोपहर 12:00 बजे शाम 5:00 बजे रात 7:00 बजे बुकिंग प्रक्रिया और प्रतीक्षा अवधि इस सेवा की लोकप्रियता इतनी है कि आज की तारीख में लगभग 1.5 साल तक की प्रतीक्षा चल रही है। हर दिन की बुकिंग 505 गणना वाले ब्राह्मण द्वारा की जाती है। खासतौर पर शनिवार और रविवार की बुकिंग कलेक्टर के निर्णय से होती है । चमत्कारी घटनाएं जो आज भी चर्चा में हैं एक बार द्वारका में भयंकर तूफान और बिजली गिरने एक और घ...
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