भारत विविधताओं से भरा देश है, जहाँ हर त्यौहार का एक अलग महत्व और कहानी होती है। इन्हीं खास त्यौहारों में से एक है “बैल पोला”। यह त्यौहार खासकर किसानों के लिए समर्पित है, क्योंकि यह दिन उन बैल, गाय, बैलगाड़ी और पशुधन को सम्मान देने का होता है, जो पूरे साल मेहनत करके खेती को सफल बनाते हैं। बैल पोला का त्यौहार मुख्य रूप से महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात और विदर्भ क्षेत्र में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे बैल पोला त्यौहार का इतिहास और महत्व बैल पोला 2025 की तारीख पूजा विधि और परंपराएं बच्चों के लिए ‘तना पोला’ का खास आयोजन आधुनिक समय में बैल पोला का बदलता स्वरूप सोशल मीडिया और बैल पोला FAQ: बैल पोला से जुड। सामान्य प्रश्न बैल पोला त्यौहार का इतिहास बैल पोला का इतिहास प्राचीन भारतीय कृषि परंपराओं से जुड़ा है। वेदों और पुराणों में बैल और पशुधन को किसान का सबसे बड़ा साथी माना गया है। पहले के समय में जब खेती पूरी तरह बैलों पर निर्भर थी, तब किसान अपने बैलों को भगवान के समान मानते थे। सालभर खेत जोतने, हल खींचने और अनाज ढोने के बाद श्रावण महीने क...
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