ASI की टीम फिर उतरी समुद्र में – द्वारका के रहस्य को जानने
भारत की पुरातत्व सर्वेक्षण संस्था (ASI) ने एक बार फिर गुजरात के समुद्र में द्वारका नगरी की खोज के लिए गोता लगाया है। माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण की ऐतिहासिक नगरी द्वारका समुद्र में समा गई थी। अब ASI की यह नई समुद्री खोज पुराने रहस्यों को उजागर करने की कोशिश कर रही है।
द्वारका की पौराणिक मान्यता
श्रीमद्भागवत और महाभारत जैसे ग्रंथों में वर्णित है कि भगवान कृष्ण ने द्वारका को समुद्र के किनारे बसाया था। युद्ध के बाद यह नगरी समुद्र में समा गई।
पिछली खोजों में क्या मिला?
1990 के दशक में हुई खोजों में समुद्र के अंदर से कुछ संरचनाएं, पत्थर की दीवारें और मूर्तियाँ मिली थीं। इनसे यह अनुमान लगाया गया कि समुद्र में सचमुच कोई प्राचीन नगर बसा था।
अब की खोज से क्या उम्मीद?
इस बार ASI नए तकनीकी उपकरणों जैसे sonar mapping और underwater drones की मदद से और गहराई से अध्ययन कर रही है। इस बार की खोज यह तय करने में मदद करेगी कि क्या द्वारका कोई पौराणिक कथा है या ऐतिहासिक सच्चाई।
क्या यह खोज भारत की सांस्कृतिक धरोहर को नया आयाम देगी?
यदि समुद्र में मिली वस्तुओं का संबंध द्वारका से सिद्ध हो जाता है, तो यह भारत की धार्मिक और ऐतिहासिक पहचान के लिए बहुत बड़ा योगदान होगा।
क्या आप मानते हैं कि द्वारका समुद्र में बसी थी? अपनी राय कमेंट में ज़रूर दें।
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